इसके बारे में कोई जानकारी हो तो कृप्या शेयर करें।🙏
स्वयं का नाम विपीन बतलाया।
इस्कॉन में फूल टाईम स्वयंसेवक हूं,ऐसा बतलाया,दास प्रभु एवं श्याम प्रभु से नजदीकी बताई।
बातों-बातों में सामान लेकर दूकान से निकला। तुरंत फोन लगाया तो बोला एक घंटे में औनलाईन पेमेंट कर दे रहा हूं।आज दोपहर बारह बजे की घटना है।लाल रंग की मोटरसाइकिल है। गया मानपुर का रहने वाला बता रहा था।
Pleace help🙏
Jewar कैसे लेकर गया जरा डिटेल में बताए ओर यही वह लड़का है और कौन सा शॉप से लेकर गया
मैं तारकेश्वर सोनी, (योग प्रशिक्षक दि आर्ट ऑफ लिविंग) मेसर्स अमरनाथ एंड संस ज्वेलर्स बंगाली दुर्गा स्थान चौक हजारीबाग।
मेरा MA का एग्जाम है इसलिए मैं घर पर पढ़ाई कर रहा था।
इस लड़के का फोन आया कि मुझे सोने का जेवर लेना है। मैंने बेटा को दुकान खोलने के लिए भेज दिया। क्योंकि सोमवार होने की वजह से दुकान बंद थी।
फिर उसके सम्मान में मैं भी थोड़ी देर के लिए दुकान चला गया।
सामान पसंद और पैक होते ही मैं घर चला आया,क्योकि मेरी परीक्षा चल रही है।
इधर इस लड़के ने मेरे बेटे से कहा कि पापा से बात हो गई है और वह सामान लेकर दुकान से निकला।
उसके निकलते ही मेरे बेटे ने मुझे फोन किया कि सामान दे दिए हैं। मैंने कहा कि पेमेंट ?
उसने कहा पापा से बात हो गई है, ऐसा उसने कहा।
मैंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। पेमेंट ले लो उधार की कोई बात नहीं है।
उस समय से उनसे संपर्क किया जा रहा है।वह कि बोले एक घंटा में अकाउंट में पैसा भेज दे रहे हैं। लेकिन अभी तक पेमेंट नहीं आया। रात्रि 10:00 बजे के बाद उसने मोबाइल में बात करना भी छोड़ दिया। अब मोबाइल बंद है।
*मैं संस्था के माननीय सदस्यों से विनम्र आग्रह करूंगा संस्था के प्रति मेरे हृदय में अगाध श्रद्धा है*।
*कृपा कर मेरा सहयोग करें*।😌🙏
तारकेश्वर जी आप अपना फोटो भेजिए और उस लड़के का जिसने आपका जेवर लेकर भागा है
हरे कृष्ण
कृपया ध्यान दें
दिनांक 14 अप्रैल को लगभग दोपहर 12 बजे, एक व्यक्ति जिसने अपना नाम "विपीन" बताया, अपने आपको हरे कृष्ण मंदिर का फुल टाइम स्वयंसेवक बताकर, श्रीमान दास गदाधर प्रभु एवं श्यामव्रजविलस प्रभु से निकटता का हवाला देते हुए, दो लाख रुपये मूल्य के सोने के आभूषण अमरनाथ ज्वेलरी दुकान जो कि तारकेश्वर सोनी जी का है, से बातचीत में विश्वास में लेकर निकल गया।
ये व्यक्ति कुछ दिनों से *गौरव कुमार* के नाम से हरे कृष्ण मंदिर में रह रहा था। चुकी मंदिर में चैतन्य महोत्सव के लिए स्वयंसेवकों की आवश्यकता थी इसलिए इसे रख लिया गया था। उसने मंदिर से भी भगवान के कुछ मूल्यवान आभूषण चुरा लेने की बात सामने आ रही है। ओर मंदिर में भी कुछ वित्तीय हानि हुई है।
उसने कहा कि वह गया, मानपुर का रहने वाला है और लाल रंग की मोटरसाइकिल पर आया था।
बाद में फोन पर कहा कि "एक घंटे में ऑनलाइन पेमेंट कर दूंगा", परंतु अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ है।
*महत्वपूर्ण बात:*
*यह व्यक्ति 2-3 महीने पहले मंदिर में आया था और चैतन्य महोत्सव के समय कुछ सेवा में दिखा, लेकिन हरे कृष्ण मंदिर या गौरांग सेवा फाउंडेशन या श्रीमान दास गदाधर प्रभु या श्रीमान श्यामव्रजविलास प्रभु से उसका कोई स्थायी या आधिकारिक जुड़ाव नहीं है।*
यदि किसी को इस व्यक्ति की जानकारी हो या उसे कहीं देखा हो, तो कृपया तुरंत हरे कृष्ण मंदिर से संपर्क करें।
आपकी जानकारी से अन्य लोग भी सतर्क हो सकते हैं।
कृपया इस संदेश को अधिक से अधिक शेयर करें।
धन्यवाद।
हरे कृष्ण मंदिर समिति
हजारीबाग
सावधान! ये लड़का महाराष्ट्र में भी सक्रिय है।🙏
संस्थान से सहयोग अपेक्षित है।
रातु रोड की घटना ? को सार्वजनिक करते हुए संस्था की ओर से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जाय।🙏
हरे कृष्ण
सावधान
यह व्यक्ति अपना नाम *गौरव कुमार (जहानाबाद, गया, बिहार)* बता कर पिछले 3 महीनों से हरे कृष्ण मंदिर, हजारीबाग में रह रहा था। ये पिछले 3 दिनों से मंदिर के संपर्कों को ओर मेरे (श्यामव्रजविलस दास)नाम को इस्तमाल कर के कई भक्तों से लाखों रुपएकी संपत्ति लेकर लापता है। सभी लोग इससे सावधान रहे और ये व्यक्ति कही पर दिखे तो कृपया जानकारी देने का कष्ट करें।
हरे कृष्ण
अमरनाथ ज्वेलर ठगी संबंध में.
जैसा कि आप सभी जानते है कि जो लड़का अपना नाम *गौरव कुमार* बताकर *14 अप्रैल को* दोपहर लगभग 12 बजे अमरनाथ ज्वेलर के मालिक *तारकेश्वर सोनी* को अपनी मीठी बातों से बहला फुसलाकर ओर खुद का परिचय हरे कृष्ण मंदिर, गौरांग सेवा फाउंडेशन का स्थायी सदस्य बता करीब करीब *2 लाख रुपए का सोना लेकर भाग गया था*।
जिसकी जानकारी तारकेश्वर सोनी से संस्था व्यवस्थापन को काफी समय बाद प्राप्त हुई थी और अपनी गलती को छुपाने के लिए तारकेश्वर सोनी ने संस्था के ऊपर ही गलत इल्ज़ाम लगाना शुरू किया। संस्था के खिलाफ प्रेस में भ्रामक बयान, फेसबुक पर गलत पोस्ट करना बाजार में संस्था के विरुद्ध दुर्भावना पूर्ण बातें फैलाना आदि बातें होने लगी।
आप सभी जानते है कि मंदिर एक सार्वजनिक स्थान होता है जिसमें हजारों किस्म के लोग अपने जीवन को सुधारने के लिए जुड़ सकते है जिनमें से एक गौरव कुमार भी था इन सभी लोगों के बाहरी व्यक्तिगत कार्योंकलापों की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन या संस्था नहीं उठा सकती है.
फिर भी मंदिर ने यथा संभव सोनीजी को सहायता प्रदान की.
1. लड़के का आधार कार्ड तथा फोटो सौभाग्यवश मंदिर प्रबंधन के पास था जो सोनी जी को दिया गया जो पुलिस प्रशासन को देना चाहिए था.
2. मोबाइल नंबर जो 15 अप्रैल को रांची में ट्रैक हो रहा था उसके आधार पर मंदिर के भक्त इंसानियत के नाते सोनी जी के साथ रांची भी चले गए पुलिस प्रशासन को जानकारी दिए बिना।
मंदिर को बताया गया कि गौरव के खिलाफ पुलिस में FIR फाइल की गई है जिसका बाद में पता चला कि वो कभी फाइल हुई ही नहीं। उल्टा संस्था के ऊपर ही लड़के के खिलाफ एफआईआर करने का जबरन दबाव बनाया जा रहा था।
आप सभी को ज्ञात है कि मंदिर के मुख्य प्रबंधक श्रीमान श्यामव्रजविलास प्रभुजी के पिताजी का कुछ दिनों पहले देहांत होने के कारण वे 23 मार्च से महाराष्ट्र थे। प्रभु जी लौटने पर इंसानियत के नाते सोनी जि से जब मिले तब तारकेश्वर सोनी जी का धमकी भरा वक्तव्य इस प्रकार था–"या तो हरे कृष्ण मंदिर हमे 2 लाख रु का भुगतान करे या हम इस संस्थान को उसके मंदिर के साथ हजारीबाग से जड़ से उठा के फेंक देंगे."
यह बात अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज में बीते 8 वर्षों से आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार करने वाली संस्था को इस प्रकार बदनाम किया जा रहा है और उसके ऊपर कोई हानि न हो इसका भरी तनाव अब श्रीमान श्याम प्रभुजी पर था।
इसी दौरान 28 अप्रैल शाम 4 बजे तारकेश्वर सोनी का श्याम प्रभु को फोन आता है कि *गौरव को बिहार के जमुई गांव में पकड़ लिया है।*
किसने पकड़ा? स्वयं सोनी जी ने. कहा पकड़ा? किसी को बताइएगा नहीं जमुई में पकड़ा है. प्रशासन के साथ पकड़ा? नहीं मैने अकेले ही पकड़ लिया. ठीक है लेकिन उसे हजारीबाग जरूर लाएगा उसे हम पुलिस में देंगे. तो नहीं क्या पुलिस में दीजियेगा छोड़ दीजिए. क्यों? गरीब लड़का है रोने लगा तो मैने छोड़ दिया. ऐसे कैसे छोड़ दिया? रोने लगा तो मुझे दया आ गई मैने ही उसे 3000 रु भी दे दिए और सुधारने का एक मौका दिया. आपका जेवर मेला? ह उसने 70000 में एक सोने दुकान में गिरवी रखा था तो मैने ही पैसे देकर छुड़ा लिया और उसे रहम खा कर छोड़ दिया.
ये अभी तक का रिपोर्ट है।
*अब इस घटना के कुछ विचार करने योग्य संदेह जनक बिंदु?*
जिन बिंदुओं से पता चलता है कि मंदिर का भव्य आध्यात्मिक कार्य से गहरी ईर्षा और द्वेष कर संस्था को कुछ धर्म विरोधियों द्वारा सोनी जी के भोलेपन का इस्तेमाल कर हानि पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
1. कोई साधारण व्यापारी भी पहचान के व्यक्ति को 5000 रु उधर देने में सैकड़ों बार सोचता है और इतने मंझे हुए व्यापारी होने के बावजूद तारकेश्वर सोनी जी ने केवल 1 महीना से परिचित व्यक्ति को बिना संस्था को संपर्क किए 2 लाख रु मूल्य का सोना बिना योग्य रसीद के संस्था का नाम पर केवल श्रद्धा के आधार पर देना? क्या ये तर्क संगत है?
3. माल लेकर भाग जाने पर तुरंत संस्था को खबर नहीं करना जब ठग का मोबाइल स्विच ऑफ होता है तब खबर करना।
4. मैने FIR कर लिया है (जो कि नहीं की थी) कह कर संस्था को FIR करने के लिए दबाव डालना.
5. संस्था की ओर से इतनी सहायता होने पर भी मार्केट में संस्था का नाम खराब करना।
6. न 2 लाख की हानि की खबर प्रशासन को है और न ही उसके मिलने की.
7. जिस अपराधी को पकड़ने का काम पुलिस नहीं कर पाई वो काम भोलेभाले तारकेश्वर सोनी जी ने अकेले ही हजारीबाग से 5 घंटे दूर जाकर अनजाने गांव में कर किया. कैसे?
8. ठगे जाने पर निर्दोष धार्मिक एवं आध्यात्मिक संस्था के ऊपर इतना गुस्सा की उसे उखाड़ कर फेंकने के लिए तैयार लेकिन अपराधी मिलने पर उसका बोला चेहरा देखकर उसे चॉकलेट बिस्कुट खाने के पैसे दे कर उसे बाइज्जत बारी कर छोड़ देना।
9. अपराधी मिलने पर किसी भी थाना में संपर्क नहीं करना ओर अपने से मैनेज करना.
10. वास्तव में कोई सामान गया भी है कि नहीं यह भी किसी को पता नहीं और वास्तव में कोई सामान मिल भी है कि नहीं यह भी किसी को पता नहीं.
इन सभी बातों से यह आशंका प्रबल होती है कि संभवतः गौरव कुमार और श्री सोनी के बीच कोई गुप्त समझौता या अन्य उद्देश्य था, जो योजना के अनुसार नहीं चला और अब उसका दोष मंदिर पर मढ़ा जा रहा है।
हम संस्था की प्रतिष्ठा और सत्य की रक्षा हेतु यह स्पष्टीकरण सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं।
हरे कृष्ण मंदिर, झील
गौरांग सेवा फाउंडेशन
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